आईआईएचएल ने पिछले साल अप्रैल में संपन्न नीलामी के दूसरे दौर में रिलायंस कैपिटल को खरीदने के लिए 9,650 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी बोली लगाई थी। आरबीआई ने 29 नवंबर, 2021 को भुगतान में चूक और गवर्नेंस से जुड़ी गंभीर समस्याओं के कारण रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को भंग कर दिया। रिलायंस कैपिटल में करीब 20 फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनियां हैं। इनमें सिक्योरिटीज ब्रोकिंग, इंश्योरेंस और एक एआरसी शामिल है। पहले राउंड में टॉरेंट इन्वेस्टमेंट ने इसके लिए 8,640 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी बोली लगाई थी। सितंबर, 2021 में रिलायंस कैपिटल ने अपने शेयरहोल्डर्स को बताया था कि कंपनी पर 40,000 करोड़ रुपये से अधिक कर्ज है। एडमिनिस्ट्रेटर ने फाइनेंशियल क्रेडिटर्स के 23,666 करोड़ रुपये के दावों को वेरिफाई किया है।