जीटीआरआई ने कहा कि अगर सिंगापुर और हॉन्ग कॉन्ग की तर्ज पर चीन और आसियान देश भी भारतीय मसालों पर पाबंदी लगाते हैं तो भारतीय मसाला निर्यात में भारी गिरावट आ सकती है। श्रीवास्तव ने कहा कि इससे 2.17 अरब डॉलर मूल्य के निर्यात पर असर पड़ सकता है, जो भारत के वैश्विक मसाला निर्यात का 51.1% है। उन्होंने कहा कि क्वालिटी संबंधी मुद्दों को तत्काल और पारदर्शिता के साथ सुलझाने की जरूरत है। अंतरराष्ट्रीय आलोचना के बाद मसाला बोर्ड और FSSAI ने रूटीन सैंपलिंग शुरू कर दी है लेकिन मसालों की क्वालिटी के बारे में कोई बयान जारी नहीं किया है। यदि टॉप भारतीय कंपनियों की क्वालिटी सवालों के घेरे में है तो घरेलू बाजार में मौजूद मसालों की विश्वसनीयता पर भी संदेह पैदा होता है।